मैं हसीना गज़ब की
लेखिका: शहनाज़ खान
भाग - १३
कुछ देर लेटे रहने के बाद जब मैंने आँखें खोलीं तो दोनों पास ही कुर्सियों पर बैठे मेरी तरफ देख कर बेहुदगी से मुस्कुराते हुए कुछ तबसरे कर रहे थे जो मैं ठीक से सुन नहीं सकी। मैं भी पास ही दीवार के सहारे टिक कर टाँगें फैलाये बैठ गयी। मैंने पीने के लिये कुछ माँगा तो माइक ने उठ कर मिनी-बार में से ऑरेंज जूस की बोतल और वोदका की एक छोटी सी शीशी निकाली। ग्लास में जूस के साथ-साथ वो शीशी भी खाली करके मुझे ग्लास पकड़ा दिया। इतने में ओरिजी ने तीन सिगरेट जलायीं और एक सिगरेट मेरी तरफ बढ़ा दी।
�सॉरी! ऑय डोंट स्मोक!� मैंने एक हाथ लहराते हुए मना किया।
�कम ऑन बेबी! देयर इज़ आलवेज़ अ फर्स्ट टाइम!� ओरिजी बोला।
�ऑय डोंट थिंक यू हैड एवर ड्रैंक पिस्स बिफोर बट यू जस्ट इंजॉयड ड्रिंकिंग हिज़ पिस्स!� माइक मुस्कुराते हुए बोला। मैं नशे में मदमस्त थी और उसकी बात सुनकर बिना वजह ही हंसी छूट गयी। मैंने और आनाकानी नहीं की और वो सिगरेट ले कर अपने होंठों से लगा कर कश लगाने लगी। सिगरेट पीना तो वैसे मामुली सी बात थी क्योंकि शाम से पिछले डेढ़-दो घंटों में मैं हवस-परसती की सारी हदें पार कर के इस कदर गिर गयी थी कि अपनी गाँड की टट्टी से लथपठ लौड़ा चूसने और एक अजनबी का पेशाब पीने जैसी ज़लील हरकतों में मैं निहायत बेशर्मी से शरीक हुई थी।
खैर, अभी तो पुरी रात बाकी थी और उस दिन खुदा भी शायद मुझ पर खास मेहरबान था, हमारी चोदन-चुदाई पूरी रात ज़ारी रही। सारी रात उन दोनों हब्शियों ने मुझे शराब और पता नहीं कौन-कौन सी नशीली ड्रग के नशे में मुझे मदमस्त रखा और दोनों ने मिलकर मेरे जिस्म को हर तरह से बार-बार जम कर चोदा। मैंने भी बढ़चढ़ कर उनका साथ दिया और चुदाई के मज़े लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसी दौरान एक और काला हब्शी भी इस चुदाई में शरीक हो गया। मुझे इतना भी होश नहीं था कि वो इत्तेफाक से वहाँ पहुँचा या इन दोनों में से किसी ने उसे फोन करके न्यौता दिया। खैर मुझे क्या एतराज़ हो सकता था - दो से भले तीन लौड़े! खुदा के फज़ल से मुझे तो जैसे जन्नत ही मिल गयी थी। पूरी रात वो तीनों ने मेरी चूत और गाँड अपने भुजंग काले लौड़ों से चोद-चोद कर मुझे जन्नत की सैर करवायी। कईं बार तो तीनों ने एक साथ मेरी चूत, गाँड और मुँह में अपने लौड़े ठोक-ठोक कर मुझे चोदा। पता नहीं कितनी ही बार मैंने उनका पेशाब मज़े ले -लेकर पिया और उनके उकसाने पर मैंने बे-गैरती से अपना खुद का पेशाब भी ग्लास में भर-भर कर पिया।
इसी तरह की वाहियात हरकतों और चुदाई के दौरान कब मैं या तो बेहोश हो गयी या नींद के आगोश में चली गयी, मुझे पता ही नहीं चला। जब होश आया तो कुछ पलों के लिये तो समझ ही नहीं आया कि मैं हूँ कहाँ। मैं फर्श पर ही पसरी हुई थी और ज़ाहिर है कि मैं सिर्फ सैंडल पहने हुए बिल्कुल नंगी थी। आसपास कोई नज़र नहीं आया। पूरे जिस्म में अकड़ाहट और मीठे से दर्द का एहसास था। नशा अभी भी पूरी तरह उतरा नहीं था। मैंने ज़ोरदार अंगड़ाइयाँ लीं और खड़े होते हुए उन्हें पुकारा। लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। कमरे में मैं अकेली ही मौजूद थी। घड़ी में समय देखा तो मैं चौंक गयी क्योंकि सुबह के पौने ग्यारह बज रहे थे। सुबह का सेमिनार सेशन कब से शुरू हो चुका होगा। मैंने अंदाज़ा लगाया कि ओरिजी और माइक भी वहीं गये होंगे। तभी मुझे ससुर जी का ख्याल आया । सुबह मुझे अपने कमरे से नदारद पा कर पता नहीं उन्होंने क्या सोचा होगा।
अपने कमरे में जाने से पहले मैंने वहीं फ्रेश होने का इरादा बनाया क्योंकि मेरा जिस्म वीर्य, पेशाब और थूक से सना हुआ था और सिर भी नशे में घूम रहा था। अगले आधे-घंटे तक मैं खूब अच्छे से शॉवर के नीचे नहायी। नहाने के बाद मैं तौलिया लेपेटे हुए हेयर-ड्रायर से अपने बाल सुखा रही थी कि तभी कमरे का दरवाज़ा खुला और ओरिजी अंदर आ गया। उसने कले रंग का सूट पहना हुआ था जिससे साफ ज़ाहिर था कि वो सेमिनार अटेंड करने गया था। उसने आते ही पीछे से मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और मेरी गर्दन चूमने लगा।
�ऊँऊँहह लीव मी प्लीज़.... मॉय हेड इज़ पेनिंग सो मच! ऑय वाँट टू गो टू मॉय रूम!� उसके आगोश में कसमसाते हुए मैं बोली लेकिन मैंने उससे दूर हटने की ज़रा भी कोशिश नहीं की। उसने मेरा तौलिया हटा कर एक तरफ उछाल दिया।
�कम ऑन बेबी! इट मस्ट बी जस्ट द हैंग-ओवर! ऑल यू नीड इज़ अ स्ट्राँग ड्रिंक एंड सम मोर फकिंग!� मुझे ले जा कर उसने सोफे पर बिठाया और मिनि-बार में से जिन की दो छोटी-छोटी बोतलें निकाल कर एक ग्लास में डालीं और बाकी का ग्लास रेड-बुल एनर्जी ड्रिंक की कैन खोलकर भर दिया। �हैव दिस बेबी! यू विल फील बेटर!�
उससे वो ग्लास ले कर मैं पीने लगी। उसने एक सिगरेट खुद के लिये जलायी और दूसरी मुझे ऑफर करी तो मैंने ज़रा हिचकते हुए अपने होंठों से लगा ली और उसने लाइटर जला कर मेरे सामने कर दिया। मैं वो ड्रिंक सिप करने लगी और वो मेरी तारीफ किये जा रह थ। �यू वर वंदरफुल लास्ट नाइट! ऑय हैव नेवर मेट सच अ सैक्सी वोमैन! यू आर अ टाइगरैस! योर हसबैंड इज़ सो लक्की!� वगैरह वगैरह। उसकी बातें सुनकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मेरा ड्रिंक खत्म होने को आया तो इतने में उसने भी अपने कपड़े उतार दिये और खड़े -खड़े अपना वो काले अजगर जैसा लौड़ा सहलाने लगा। मैं भी बेशर्मी से उसके लौड़े को निहारने लगी। मुझ से रहा नहीं गया तो मैंने अपना ग्लास ख़त्म किया और खुद ही उठकर उसके आगोश में पहुँच गयी और उसके लौड़े को सहलाने लगी। उसने झुक कर अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये और हम खड़े-खड़े ही एक दूसरे को चूमने लगे। कभी मैं उसकी जीभ अपने मुँह में लेती तो कभी वो मेरी जीभ अपने मुँह में लेकर चूसता। चूमते-चूमते ही अचानक उसने मेरी कमर पकड़ कर मुझे उठाया और पलट कर इस तरह उल्टा कर दिया कि मेरी टाँगें ऊपर और मेरा सिर नीचे। अब हम �69� की पोज़िशन में थे। उसका लौड़ा अब बिल्कुल मेरे चेहरे के सामने था और मेरी चूत उसके चेहरे के सामने। मैंने अपनी टाँगें उसकी गर्दन में डाल दीं और उलटी लटके-लटके ही मैं उसका लौड़ा अपने हाथों से मुठियाते हुए अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। वो भी मेरी चूत और गाँड चाटने लगा। मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि एक ही दिन में मैं चुदाई कितने सारे नये-नये तजुर्बे कर रही थी। उसका लौड़ा तो इतना लंब चौड़ा था ही बल्की वो खुद भी कितना मजबूत और ताकतवर था। इस तरह उलटी लटके हुए उसका लौड़ा चूसते हुए और उससे अपनी चूत और गाँड चटवाते हुए मैं उत्तेजना से पागल हो गयी। उसका लौड़ा भी बिजली के खंबे की तरह एक दम सख्त होकर सीधा खड़ा था। उसने फिर से मुझे घुमा कर सीधा कर दिया। �ओहह! कम एंड फक मी विद दैट बिग एंग्री कॉक!� मैं बहुत ही शरारत भरे अंदाज़ में बोली।
उसने भी देर नहीं की और आगे बढ़ कर खड़े-खड़े ही अपना अज़ीम लौड़ा मेरी चूत में ठाँस दिया और दनादन पागलों की तरह चोदने लगा। मेरी सिसकियाँ और चींखें फिर से उस कमरे में गूँजने लगीं। चोदते-चोदते उसने मेरे घुटने के नीचे अपनी बाँह डाल कर मेरी बाँयी टाँग ऊपर उठा ली थी। वो जानवरों की तरह इतनी जोर-जोर से शॉट मारते हुए मेरी चूत में लौड़ा चोद रहा था कि दीवार के सहारे भी मैं ठीक से खड़ी नहीं रह पा रही थी। उसके जोरदार झटके संभालती हुई मैं अपने दांये पैर की सैंडल की पाँच इंच ऊँची हील कार्पेट में गड़ाये बड़ी मुश्किल से खड़े रहने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मेरी सैंडल फिर भी बेकबू होकर दाँये-बांये हिल रही थी। उसके झटकों से मेरे मम्मे भी बुरी तरह उछल रहे थे। करीब दस-बारह मिनट तक वो जानवर की तरह मेरी चूत में लौड़ा पेलता रहा। मेरी चूत ने तो इस दौरान दो-तीन बार पानी भी छोड़ दिया था। एक वक्त तो ऐसा आया जब उसके धक्के इस कदर वहशियाना हो गये कि मुझे अपना पैर मोड़ कर पिछे से सैंडल की हील भी फर्श से ऊपर ऊठनी पड़ी। अब मैं अपने हाई हील सैंडल के आगे की नोक पर खड़ी थी। क्योंकि उसका लौड़ा मेरी चूत की नयी-नयी गहराइयों में चोट कर रहा था और मैं मस्ती में फड़फड़ाती हुई चींखे जा रही थी।
ओरिजी का स्टैमिना कमाल का था। काफी देर चोदने के बाद जब उसके लंड ने मेरी c��i� में वीर्य छोड़ा तो वो भी इतनी प्रेशर से मेरे अंदर छूटा जैसे कि चूत में पानी क कोई पाइप फट पड़ा हो। मैं हाँफते हुए सोफे पर बैठ गयी और टाँगें उठा कर सामने की मेज पर फैला दीं। हम दोनों ने एक-एक सिगरेट पी और जब ओरिजी कपड़े पहनने लगा तो मुझे पहली बार ख्याल आया कि मेरे पास तो कपड़े ही नहीं थे। पिछली शाम मैं नशे में बिल्कुल नंगी ही उनके साथ इस कमरे में आयी थी। मैंने ओरिजी को अपनी मुश्किल बतायी तो वो बेपरवाही से हंसते हुए बोला, �बोल्ड एंड ब्यूटीफुल वुमन लाइक यू शुड नॉट वरी अबाऊट क्लोद्स! यू शुड फ्लॉन्ट योर सैक्सी बॉडी!�
अपनी तारीफ सुनकर मेरे चेहरे पर लाली आ गयी। वैसे तो कल शाम को मैं नंगी ही उन दोनों के साथ यहाँ आयी थी लेकिन अब दिन के समय नंगी अपने कमरे तक जाना और वो भी अकेले - मुझे झिझक महसूस हो रही थी। क्या इस वक्त होटल में इस तरह खुलेआम नंगे घूमना जायज़ होगा। मैंने ओरिजी से कहा तो वो फिर से मुझे उकसाते हुए बोला, �डोन्ट बी शॉय! यू आर नॉट गोइंग टू द कॉन्फ्रेंस हॉल... जस्ट गोइंग टू योर रूम! नो वन विल से एनिथिंग!�
उसकी बातों से मुझे थोड़ा हौंसला तो हुआ। हालांकि ग्यारहवीं मंज़िल से लिफ्ट पकड़ कर चौबीसवीं मंज़िल तक इस तरह नंगे जाने के ख्याल से मेरे अंदर मस्ती भरी गुदगुदाहट सी हो रही थी लेकिन थोड़ी शरम और डर सा भी था। फिर मैंने हिम्मत जुटा कर इस तजुर्बे का मज़ा लेने का फैसला किया। सिर्फ हाई हील वाले सैंडल पहने बिल्कुल नंगी मैं कॉरीडर में चलते हुए और फिर लिफ्ट पकड़ कर अपने कमरे तक आयी जो चौबिस्वीं मंज़िल पर था। नशे में मेरे कदम लड़खड़ा रहे थे। तीन हब्शियों के लौड़ों से पूरी चुदने की वजह से मेरी गाँड और चूत अभी भी फैली हुई थीं और मेरी घमासान चुदाई की पूरी कहानी बयान कर रही थी। पहले कॉरीडोर में एक कपल था जो धीरे से हॉय कहते हुए गुज़र गया। जब मैं लिफ्ट में चढ़ी तो तो दो औरतें पहले से मौजूद थीं जो फॉर्मल ड्रेस में थीं। मुझे देख कर उनके चेहरे पर शरारती मुस्कुराहट फैल गयी। मैं भी हैलो बोलते हुए वैसे ही मुस्कुरा दी। �यू हैव वेरी सैक्सी बॉडी!� एक ने तारीफ की और दूसरी ने पूछा, �लुक्स लाइक यू हैड लॉट ऑफ फन लास्ट नाइट!� पब्लिक में इस तरह नंगे होने की उत्तेजना में मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था। मेरे गाल सुर्ख लाल हो रहे थे और वहीं मेरी चूत में खुजली होने लगी थी। लिफ्ट से उतर कर जब मैं अपने कमरे की तरफ जा रही थी तो हॉटल का एक वेटर मिला जो खाने की ट्रॉली ले कर जा रहा था। वो भी मुझे देख कर बेशर्मी से मुस्कुराया और एक जोरदार सीटी बजा दी। वैसे अगर वो मेरे साथ कुछ करना चाहता तो उस वक्त मैं मना नहीं कर पाती।
मेरे पास तो अपने कमरे को खोलने के लिये इलेकट्रॉनिक की-कार्ड था नहीं तो मैंने ससुर जी के कमरे को नॉक किया। नॉक करते हुए मैं सोच ही रही थी कि मुझे इस हालत में देख कर ससुर जी का क्या रियेक्शन होगा... मैं उनसे क्या कहुँगी? मैंने सोचा कि जरूरत पड़ी तो कह दूँगी कि दो अंजान आदमियों ने ज़बरदस्ती मेरे साथ रात भर रेप किया। लेकिन इसकी नौबत ही नहीं आयी क्योंकि ससुर जी तो कमरे में मौजूद ही नहीं थे। जब दो-तीन मिनट बाद भी दरवाज़ा नहीं खुला तो मेरे होश उड़ गये कि अब मैं कहाँ जाऊँ। ससुर जी तो नीचे कॉन्फ्रेंस में बिज़ी होंगे और मैं वहाँ तो नंगी नहीं जा सकती थी। तभी मुझे उस वेटर का ख्याल आया। मुझे अपने ही फ्लोर पर दूसरे कॉरीडोर के आखिर में एक कमरे के बाहर उसकी ट्रॉली दिख गयी। मैंने उससे कहा तो उसने अपने इलेकट्रॉनिक की-कार्ड से मेरा कमरा खोल कर दिया। मैं अंदर घुसी तो वो भी मेरे पीछे-पीछे अंदर आ गया।
�व्हॉट...व्हॉट डू यू वान्ट?� मैंने धड़कते दिल से पूछा। मेरी चूत में मस्ती की लहरें उठने लगीं। पता नहीं मेरे अंदर ये कैसी आग थी जो बुझ ही नहीं रही थी। रात भर तीन-तीन लौड़ों से घंटों चुदने के बाद भी मेरा मन नहीं भरा था। मैं फिर चुदने के लिये बेचैन हो रही थी।
�मैडमोज़ेल... ऑय-ऑय वाज़ चेकिंग... इफ़..इफ़ यू नीड एनीथिंग!� वो बेशर्मी से मेरे नंगे जिस्म को घूरते हुए मुस्कुरा रहा था। उसकी उम्र मुश्किल से अठारह-उन्नीस साल रही होगी।
�नो... नो... थै-थैंक यू!� मैं हकलाते हुए बोली। लेकिन वो हिला नहीं और इतने में अपनी पैंट की ज़िप खोलकर अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया। �आर यू श्योर यू डोंट नीड एनीथिंग!� वो मुस्कुराते हुए बोला। उसका लंड हैमिल्टन्के लंड की तरह बिल्कुल गोरा चिट्टा था और उसका सुपाड़ा फूलने से लाल हो गया था।
�ऑय.... उह... ऑय डोंट नो...� मैं हकलाने लगी, �मे बी... ऑय... योर डिक इज़ सो..सो.. !� मेरी नज़रें उसके लंड पर ही अटकी थीं। हालांकि साइज़ में ये लौड़ा उन हब्शियों के लौड़े के मुकाबले का तो नहीं था लेकिन फिर भी काफी तगड़ा था। मेरे मुँह में पानी भर आया। उसने अपनी बेल्ट खोलकर अपनी पैंट और नीचे खिसका दी। वासना भरी आँखों से उसके लौड़े को घूरते हुए मैंने अपने होंठों पर जीभ फिरायी और घुटने मोड़ कर उसकी टाँगों के बीच में बैठ गयी।
फिर तो अगले आधे घंटे में मैंने पहले तो उसका फिरंगी लौड़ा चूस- चूस कर उसका वीर्य पिया और उसके बाद जमकर उसके जवान लौड़े से अपनी चूत चुदवायी।
!!! क्रमशः !!!
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